फिर भी

स्वच्छ गंगा अभियान के नाम पर स्वच्छ भावनाओ से खिलवाड़

swach ganga abhiyan namami gange

हमारा देश संस्कृति व धार्मिक आस्था का देश है हमारे देश के 90% नागरिक अपनी संस्कृति मे ही
विश्वास रखते है, पर हमारे देश के ही कुछ व्यक्ति धार्मिक आस्था के नाम पर खिलवाड़ व धाधलेबाजी करते है.

मै बात कर रहा हूँ, नमामि गंगे व गंगा स्वच्छता मिशन की जिसमे करोडो अरबो रुपये की धाधलेबाजी हो रही है. यह मूल रुप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम मिशन है. प्रधानमंत्री बनने से पहले ही मोदी ने गंगा की सफाई को बहुत समर्थन दिया था. उन्होंने वादा किया था, कि वह यदि सत्ता में आए तो वो जल्द से जल्द गंगा को साफ करने की परियोजना चलाएंगे.

प्रधानमंत्री बनने के कुछ समय बाद ही उन्होंने अपने वादे के अनुसार स्वच्छ गंगा परियोजना को शुरू कर दिया. इस परियोजना ने उन्हें लाभ भी देना शुरु कर दिया. इसका सबूत उनकी अमेरिका यात्रा में देखने को मिला जहां उन्हें क्लिंटन परिवार ने यह परियोजना शुरु करने पर बधाई दी.

मगर धीरे धीरे यह परियोजना मंत्रियो के प्रोग्रामो, बैनरो और विज्ञापनों में सिमटती जा रही है. वोट बैंक बढ़ाने के लिए गंगा को साफ़ करने के सिर्फ आश्वासन दिए जा रहे है. गंगा को स्वच्छ करने से ज्यादा उसके विज्ञापनों पर पैसा खर्च हो रहा है.

नियम तो बनाये पर पालन नही हो रहा है. पैसा तो लगाया जा रहा है पर मॉ गंगा पर नहीं मत्रियो के प्रोग्रामो पर. क्या सिर्फ बैनरो और विज्ञापनों से माँ गंगा साफ़ हो सकती है ? क्या सिर्फ संकल्प दिवस मनाने से मॉ गंगा स्वच्छ हो सकती है ?

नही, पर हमने संकल्प लिया है, गंगा को स्वच्छ बनाने का और चाहे उसके लिये आन्दोलन करना पड़े तो वो भी किया जायेगा.

स्वच्छ गंगा परियोजना लागत की सामग्री

बिजनौर मे कई मील व फैक्ट्री का गंदा पानी गंगा मॉ को दुषित कर रहा है. बिजनौर क्या सभी जगहों पर फ़ैक्टरियो और मीलो का पानी दिन प्रति दिन गंगा को दूषित कर रहा है, जिसको बंद करना चाहिये. सभी राजनेताओ और अधिकारियो को इसके बारे में मालूम है लेकिन कोई भी कार्यवाही करने को तैयार नहीं है

हमारा देश कितना महान है, यहा की सरकार यहा के नागरिको के लिये लाखो करोड़ो रुपये खर्च करती है पर उसका लाभ मंत्री व प्नशासनिक अधिकारी व सरकारी कर्मचारी व फर्जी लोगो को मिलता है और जेब गरीबो की कटती है. यहा नियम कानून तो है पर उनका पालन नही होता.

जिस प्रकार किसी दीवार पर महान बाते लिख देने से दीवार महान नहीं हो जाती उसी प्रकार सिर्फ बैनरो और राजनैतिक मंचो पर बड़ी बड़ी बाते करने और लिखने से गंगा स्वच्छ नहीं होगी. अमन शांति जनकल्याण सोसायटी इसके विरुध आवाज उठायेगा, जो भाई बहन हमारी भावना से सहमत हो तो अपना सहयोग करे.

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