विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज बताया कि इराक में वर्ष 2015 में ISIS द्वारा अपहरण किए गए सभी 39 भारतीय मारे गए. सुषमा स्वराज ने अपनी ओर से राज्यसभा में बयान देते हुए बताया कि जून 2015 में इराक के मोसुल शहर में आतंकी संगठन आईएसआईएस ने कम से कम 40 भारतीयों का अपहरण किया था जिनमें से एक किसी तरह बच निकलने में सक्षम रहा बाकी 39 भारतीयों को उन्होंने बदूश ले जा कर मार डाला.
जो भारतीय वहां से बच निकलने में सक्षम रहा उसने अपने आपको बांग्लादेश से आया हुआ एक मुस्लिम बताया जिस कारण उसकी जान बच पाई. इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि अपहृत भारतीयों को बदूश ले जाने की जानकारी उस कंपनी से मिली जहां वह भारतीय काम करते थे.
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सुषमा स्वराज ने कहा जब वहां भारतीयों की खोज शुरू की गई तब वहां के स्थानीय लोगों से पता चला कि ISIS आतंकियों ने कुछ शव दफनाए हैं. विदेश मंत्री ने बताया कि ‘‘डीप पेनिट्रेशन रडारों’’ की मदद से पता लगाया गया कि जिस गड्ढे में शवों को दफनाए जाने की बात कही जा रही है, उसमें सचमुच क्या है. रडारों से जांच करने पर पता चला कि गड्ढे में शव हैं.
सुषमा स्वराज ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जब भारतीय अधिकारियों ने इराकी समकक्षों से सबको खुद का निकालने का अनुरोध किया तो वह खुदाई पर पूरे 39 शव मिले साथ ही कुछ पहचान पत्र, कड़ा, लंबे बाल और ऐसे जूते मिले जो इराकी नहीं पहनते हैं.
बाद में जब डीएनए जांच हुई तब 38 लोगों का डीएनए भारतीयों से मैच किया और जब कि एक उनके करीबी रिश्तेदार है मतलब 70 फ़ीसदी मैच हुआ.