स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। और स्वस्थ शरीर मिलता है व्यायाम से। मांसपेशियों और हड्डियों को सुदृढ़ बनाने के लिए नियमित व्यायाम करना जरूरी है। व्यायाम से तन के साथ- साथ मन भी मजबूत होता है। व्यायाम का अर्थ है संपूर्ण शरीर को एक समान लय में, निश्चित समय एवं निश्चित अनुपात में गति देना, मांसपेशियों हड्डियों एवं रक्त परिवहन को सुसुप्तावस्था से जागृत करना, उत्तेजित करना उसकी कार्यप्रणाली में गति प्रदान करना।
अधिकतर लोग व्यायाम को लेकर नियमित नहीं होते। 2-4 प्रतिशत लोग ही व्यायाम के प्रति नियमित हो पाते हैं। महिलाएं घर के काम को ही व्यायाम समझ लेती हैं, वहीं पुरुष भी दफ्तर और दुकान की भागदौड़ को कसरत से जोड़ देते हैं जबकि यह कार्य करने से संपूर्ण शरीर की मांसपेशियों का संचालन नहीं हो पाता न ही शरीर सुदृढ़ हो पाता है.
यही कारण है कि लोग जल्दी थका हुआ महसूस करते हैं। संपूर्ण शरीर को रोग मुक्त रखने व सुडौल बनाने के लिए नियमित व्यायाम करना आवश्यक है। हर उम्र के व्यक्ति को हल्का फुल्का व्यायाम अवश्य करना चाहिए। उतावलेपन में 4-6 दिन कठिन व्यायाम करना और फिर छोड़ देने से शरीर को सुडौल नहीं बनता। व्यायाम करने के कुछ नियम होते हैं। जैसे-
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हवादार स्थान पर व्यायाम करें-: व्यायाम करने के लिए हवादार यानी खुली जगह का प्रयोग करें जहां पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन का आदान प्रदान हो सके। रूके बिना एक के बाद एक व्यायाम करना चाहिए उससे रक्त का संचार सुचारु रुप से चलता रहता है।
व्यायाम करने का समय-: याद रखें कि व्यायाम कभी भी एक साथ 30- 40 मिनट से अधिक नहीं करना चाहिए। व्यायाम करते समय सुरक्षित रूप से सांस लेते रहें जिससे फैफड़ों तक ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में पहुंच सके।
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मन को करें केंद्रित-: व्यायाम के बीच में इधर उधर की बातों पर ध्यान न देकर संपूर्ण तन और मन व्यायाम पर केंद्रित करना चाहिए। जब तक मन केंद्रित नहीं होगा व्यायाम भी ठीक प्रकार से नहीं होगा।
सुंदरता पाने के लिए तरह-तरह के महंगे कॉस्मेटिक्स का प्रयोग करने की जगह प्राकृतिक सुंदरता पाने के लिए नियमित व्यायाम करें, उससे तन के साथ साथ संपूर्ण शरीर, मन, मस्तिष्क भी स्वस्थ रहेंगे।