फिर भी

दीपावली असत्य पर सत्य की जीत

दीपावली भारत देश का एक प्रमुख त्यौहार है और इसे हिन्दू धर्म के लोग बहुत ही धूम धाम से मनाते है। इस दिन सभी अपने घरों की साफ सफाई करके रात को रंगोली बनाकर लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते हैं इसके बाद अपने घरों को दीपक से सजाते हैं। और ढेर सारी मिठाइयां आपस में बाँटते हैं उसके बाद पटाके रॉकेट इत्यादि छोड़ते हैं।

पर वास्तविकता तो कुछ और है असली दीपावली क्या होती है ये शायद ही किसी को पता है आइये हम बताते हैं कि असली दीपावली क्या होती है और कैसी होनी चाहिए?..

दीपावली में जिस प्रकार हम अपने घरों की साफ सफाई करते है उसी प्रकार अपने अंदर की सफाई करनी चाहिये और जिस प्रकार दिप जलाते हैं अमावस्या के अंधकार में हमे उसी प्रकार से ही अपने भीतर भी ऐसा ही दिप जलाना चाहिए जिससे की हमारे अंदर की सभी अज्ञानता दूर हो सके और हम ज्ञानता को प्राप्त कर सके।

अंदर की बुराइयों को दूर करना चाहिए केवल अपने हित में न सोचकर अपितु प्रत्येक मानव जाति के बारे में सोचना चाहिए हर प्रकार से दूसरों की भलाई के बारे में ही सोचना चाहिए। जिस प्रकार भगवान श्री राम ने असत्य पर सत्य को विजय दिलाई हमे भी उनसे ये प्रार्थना करनी चाहिए की हे भगवान हमे भी एक सत्य के रास्ते पर चलाते रहिये और कभी भी हमसे ऐसी गलती न हो की हमारे धर्म की हानि हो। ऐसी दीपावली सभी को माननी चाहिए।

मेरे तरफ से आप सभी को दीपावली की ढेर सारी बधाइयाँ।

[स्रोत- अभय चौधरी]

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