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बच्चों के लिए खतरनाक है इंटरनेट का एडिक्शन

युवा पीढ़ी स्मार्टफोन पर पूरी तरह से निर्भर होती जा रही है, जिसमें छोटी उम्र के बच्चे भी शामिल हैं। स्मार्ट फोन और इंटरनेट की आदत कब लत में बदल जाती है माता पिता को पता ही नहीं चलता। बच्चों को मोबाइल पर गेम खेलें बिना नींद नहीं आती या गेम खेलें बिना बच्चे खाना नहीं खाते तो समझ लीजिए कि आपका बच्चा इंटरनेट का आदी हो चुका है।

बच्चे ही नहीं बड़ों का भी यही हाल है, स्मार्ट फोन के बढ़ते उपयोग ने कहीं ना कहीं अपनों के बीच दूरी पैदा कर दी है। पति-पत्नी पास बैठे होते हैं लेकिन दोनों ही अपने अपने स्मार्टफोन में व्यस्त रहते हैं, आपसी संवाद कम हो गया है उनके पास एक दूसरे के लिए समय ही नहीं है। इंटरनेट की लत ने परिवार और सामाजिक रिश्तो की मिठास को कम कर दिया है।

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स्मार्टफोन फोन के उपयोग से लोग पूरी तरह इंटरनेट पर निर्भर हो चुके हैं कोई जानकारी लेनी हो या कुछ और लोग पूरी तरह स्मार्ट गैजेट्स पर निर्भर होते जा रहे हैं इंटरनेट ने जहां देश विदेश में बसे लोगों को बहुत करीब ला दिया है वहींं परिवार में आपसी रिश्तो की मिठास को कम कर दिया है।

कम हुआ है आपसी मेलजोल

इंटरनेट की लत और सोशल नेटवर्क साइट्स के बढ़ते उपयोग ने आपसी रिश्तों और अपनों के लिए समय कम कर दिया है, असल जिंदगी में व्यक्तिगत तौर पर मिलना जुलना, आना-जाना घरों में पार्टी फंक्शन के लिए किसी के पास समय नहीं रह गया है। नई पीढ़ी भी लोगों से मिलने जुलने में परहेज करती है किसी पार्टी फंक्शन में जाने की वजाय अपने लैपी या फोन पर टाइम पास करना ज्यादा उचित समझती है। दूर होते रिश्ते में मिठास और मजबूती लाने के लिए आपसी संवाद को बढ़ाने की आवश्यकता है।

बच्चों को बनाएं क्रिएटिव

ई लर्निंग पर प्रत्येक  स्कूल कॉलेज में अधिक ध्यान दिया जा रहा है, बच्चों का सिलेबस हो या होमवर्क सब मोबाइल पर भेज दिया जाता है, अब बच्चे किताबें पढ़ने के लिए लाइब्रेरी नहीं जाते वह इंटरनेट से ही रीडिंग मेटेरियल डाउनलोड कर लेते हैं। ई लर्निग कोई बुरी बात नहीं है लेकिन इससे बच्चों के अंदर क्रिएटिविटी खत्म सी होती जा रही है, इंटरनेट का उपयोग करना जरुरी हो गया है परंतु माता पिता को ध्यान देना चाहिए कि बच्चे इंटरनेट का इस्तेमाल सीमित करें।

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बच्चों को इंटरनेट एडिक्शन से बचाने के लिए उनके साथ समय बिताएं। बच्चे अगर इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो माता-पिता को पता होना चाहिए कि उनका बच्चा इंटरनेट पर क्या कर रहा है और कितना समय वह इसमें बर्बाद कर रहा है। बच्चों को समय समय पर मोटिवेट करें घर पर पार्टी फंक्शन का आयोजन करें जिससे लोगों में आपसी मेलजोल बढ़ेगा बच्चों को भी अपनी गतिविधियों में शामिल करें। सोशल साइट पर आप चाहे जितने भी घनिष्ठ संबंध बनालें परंतु वह रिश्ते खोखले होते हैं और भावनाओं से दूर होते हैं जिन्हें टूटते देर नहीं लगती। वहीं व्यक्तिगत रुप से मेल जोल से बने रिश्ते इतनी आसानी से नहीं टूटते।

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