फिर भी

दादर-माहिम स्थानीय मछुआरों को मनसे का समर्थन

शिवसेना की नगर सेविका प्रीती पाटणकर के समर्थन से सस्ते दरों पर मछलीयों की बिक्री के ख़िलाफ़ स्थानीय मछुआरों कि शिकायत को मनसे का समर्थन मार्गशीर्ष माह (महालक्ष्मी पूजन का माह) पूरा होने के बाद, मछलीयों की बिक्री बड़े पैमाने पर कर कुछ अच्छी खाँसी राशि हात में होगी ऐसी आशा रखने वाले दादर-माहिम तालुका के मछुआरों की निराशा हो रही है, जो कुछ पैसे पाने की आशा रख रहे थें, उन्हें उनके पारंपरिक् व्यापार में नुकसान का सामना करना पड़ रहा हैं.दादर-माहिम स्थानीय मछुआरों को मनसे का समर्थन20 दिसंबर से, दादर के खांडके बिल्डिंग के प्रांगण में शिवसेना की नगरसेविका प्रीती पाटणकर के समर्थन से सस्ते दरों पर मछलीयों की बिक्री शुरू की गई है. वर्तमानकाल में पारंपरिक मछुआरें यानी कोलीयों का मछली का धंधा घाटें में हैं तभी स्थानीय मछुआरों के लिए शिव सैनिको की यह गतिविधि बहुत ही परेशानी का कारण बन रहीं है.

जिससे स्थानीय गरीब मछुआरों याने स्थानीय कोली महिलाओं के मछली के धंदे में उन्हे काफ़ी नुकसान हो रहा हैं इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए स्थानीय मछुआरों ने मनसे के विभाग अध्यक्ष यशवंत किल्लेदार से इस बात की शिकायत की थी, इस पर तुरंत करवाई कर यशवंत किल्लेदार ने शुक्रवार को महानगर पालिका के ‘जी’ विभाग के सहायक आयुक्त रमाकांत बिरादार से शिकायत की.

इस समय, रमाकांत बिरादार ने कहा कि हम किसी भी स्थानीय कोली महिला मछुआरों पर हो रहे अन्याय को रोकने के लिए शनिवार कि सुबह से ही अनधिकृत व्यापारी मछुआरों पर कार्यवाही शुरू करेंगे. और जो मछुआरे अनधिकृत मछली बेचते हैं उनके खिलाफ दंड भी लिया जाएगा. हर जगह जहां स्थानीय मछुआरी महिलाओं ने कहा हे कि जहाँ अवैध व्यापारी मछली बेच रहे थे उस कार्यक्षेत्र में कलसे महानगर पालिका कि तरफ से कार्रवाई शुरू कि जाएगी.

उन्होने यांहातक कहा कि हमारा स्थानीय मछुआरों को हमेशा समर्थन होगा. शिवसेना अब पहले जैसे बालासाहेब की शिव सेना थी अब वैसी नहीं रहीं, अब शिव सैनिक कोई ठोन्स निर्णय नहीं ले पा रही हैं. लेकिन अगर महानगरपालिका प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता है, तो हमारे तरफ़ से मनसे की शैली से कार्रवाई होगी, ऐसी राय मनसे के दादर शाखा के विभागअध्यक्ष यशवंत किल्लेदार द्वारा व्यक्त कि गई और अनधिकृत मछुआरों को जल्द से जल्द हटा देने कि माँग की.

[स्रोत- धनवंत मस्तूद]

Exit mobile version