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महाराष्ट्र के कोपर्डी केस में न्यायालय ने आरोपियों को दोषी माना

दोषियों को सज़ा 22 नवम्बर को महाराष्ट्र के कोपर्डी में हुऐ बलात्कार और मर्डर केस में आज न्यायालय ने आरोपियोँको दोषी पाया. आज से ऐक साल पहेले 12 जुलाई 2016 में महाराष्ट्राके अहमदनगर जिले के कोपर्डी में 15 साल की नाबालिक पर हुये बलात्कार और मर्डर में जिला सत्र न्यायालय ने आरोपी जितेंद्र शिंदे नितीन भैलूमें और संतोष भवाळ
को दोषी पाया मुख्य आरोपी जितेंद्र शिंदे अत्याचार और मर्डर में दोषी पाया गया है और आरोपी नितीन भैलूमें, संतोष भवाळ ने साथ मिलकर अपराध में षड़यंत्र करना और अपराध को बढ़ावा देना इन आरोपोंमें दोषी पाया गया है।

शनिवार की सुबह 11.00 बजे अदालत की कार्यवाही शुरू हुई. उसके थोडी देर बाद में, जिला और सत्र न्यायालयके न्यायाधीश सुवर्णा केवल ने फैसले के बाद आदेश पारित कर दिया. राज्य सरकार के विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकमजी ने पिडिता का पक्ष रखा और आरोपी की तरफसे कानूनी सेवा प्राधिकरण के वकील योहान मकासरे, वकील बालासाहेब खोपडे, विजयलक्ष्मी खोपडे, वकील प्रकाश आहेर ने अपने पक्ष को प्रस्तुत किया.

विशेष सरकारी वकील उज्जवल निकम ने कहा कि इस मामले में कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह नहीं थे. परिस्थितिजन्य सबूत हमारे लिए महत्वपूर्ण था पीड़ित की बेटी का रक्त समूह ‘ए’ था. जितेंद्र शिंदे का रक्त समूह ‘ओ’ था

पीड़िता का खून आरोपी के कपड़े पर था. जब रक्त के नमूनों की जांच की गई, तो यह साबित हुआ कि जितेंद्र शिंदे के कपड़े पर लड़की का खून था और यह अदालत में महत्वपूर्ण साबित हुआ. घटना से दो दिन पहले, आरोपी ने लड़की से छेड़छाड कर उन्होंने पीड़िता के साथ बलात्कार की धमकी दी थी निकम ने कहा कि इस घटना का साक्षीदार था और यह एक पूर्व-नियोजित षड्यंत्र था.अदालत ने सभी अपराधियों को धारा 8 के तहत दोषी ठहराया गया है। निकम ने कहा कि जिन आरोपों के तहत उन्हें दोषी ठहराया गया है, निकमजी के अनुसार आरोपीयों को मृत्यु या आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा सकती है।

9 अगस्त को मराठा समुदाय के औरंगाबाद राज्य में कोपडी मामले में आरोपी के लिए मौत की सजाके लिये प्रथम मोर्चा का आयोजन किया गया फिर महाराष्ट्र में सभी जिलों में सकल मराठा समाज का भव्य मोर्चा कोपडी मामले में आरोपी के लिए मौत की सजाके लिये किया गया.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि इस फैसले के बाद कोपर्डी मामले में अदालत को दोषियों को अधिकतम सजा देनी चाहिए जिससे कि कोई भी ऐसा अपराध करने से डरे. हमारी बेटी कि हत्या करनेवालों को फाँसी कि सज़ा ही मिलनी चाहिए ऐसा पीड़िता की परिवार ने कोपडी के मामले में उनकी भावनाओं को व्यक्त किया कि वे राज्य में फिर से
बलात्कार नहीं करेंगे,उन्हें सार्वजनिक स्थान पर लटका दिया जाए.

[स्रोत- धनवंत मस्तुद]

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