22 फरवरी को अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में होने वाले जयपुर कूच एवम विधान सभा घेराव को कुचलने के लिए सरकार ने 20 फरवरी की संध्या से ही किसानों की धर-पकड़ शुरू कर दी थी। जिसके चलते 22 फरवरी तक चूरू के लगभग सभी किसान सभा के नेताओ को गिरफ्तार किया जा चूका था।
इसमे किसान सभा के प्रदेश कार्यकरणी सदस्य एवम तारानगर विधानसभा क्षेत्र से माकपा के विधायक प्रत्याशी निर्मल कुमार एवम किसान सभा के जिला महामंत्री उमराव सहारण भी शामिल थे। इन दोनों किसान नेताओ की रिहाई के लिए आज तारानगर के सेकड़ो किसान सड़क पर उतर आये एवम तहसील कार्यलय के आगे रिहाई को लेकर नारेबाजी भी की।
इस मौके पर किसानों ने तारानगर के किसान मजदूर भवन से लेकर शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए तहसील कार्यलय तक एक रैली भी निकाली, जिस मे सरकार के विरोध में नारे लगाये गए। तहसील कार्यलय के आगे हुई किसान सभा को जितेंद्र सिंह राठौड़, अतुल वर्मा, रामजीलाल फौजी,भोजराज जी, मदन लाल स्वामी, चिमनाराम पांडर, दाताराम जी सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया ।
जिसमें रामजीलाल लाल ने कहा कि सरकार अमीरों की कंपनियों का पैसा माफ़ कर सकती है। परंतु किसान के कर्ज को माफ़ करने के लिए सरकार के पास पैसा नही है । भोजराज जी सरकार को किसान विरोधी एवम तानाशाही वाली सरकार बताई। जितेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि आज हम अनपढ़ नही है, जो हमारे किसान नेताओ को रिहा करवाने के लिए किसी नेता के सामने हाथ फेलायेंगे, हमे पता है, अपने नेताओं की रिहाई किस प्रकार करवानी है।
इस सभा में कल पूरी तहसील में नाका बदी एवम चक्काजाम करने की बात कही गई। तथा स्कूल बसों, एबुलेंस, और बारात में जाने वाले दूल्हे की गाड़ी को जाने दिया जाये और किसी तरह की अभद्रता नही करने का भी आवाहन किया।
[स्रोत- विनोद रुलानिया]