फिर भी

पक्षियों का हौसला

प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री पक्षियों की महानता का वर्णन कर रही है। वह कहती है हम मानव अक्सर ये सोचते है की पक्षियों का जीवन कितना प्यारा है ये उड़ते रहते है, कही भी जा सकते है, इन पर किसी की रोक-टोक नहीं। हम सबकी सफलता तो देखते है लेकिन सफलता के पीछे छुपा संघर्ष किसी को नहीं दिखता है। कोई ये नहीं देखता की इनका कोई घर नहीं होता पक्षी छोटे छोटे तिनके को जोड़ अपना घर बनाते है। यह सोच कर की शायद उस घोसले में उनकी आने वाली संतान आराम से पनप जाएगी।Birds

लेकिन कभी-कभी तेज़ आंधी या मानव का क्रोध उस घोसले को रहने नहीं देता। फिर भी पक्षी ये सब देख कर भी कभी हिम्मत नहीं हारते और अपना घोसला फिर बना लेते है। कवियत्री कहती है हमे भी पक्षियों से जीवन जीने की प्रेरणा लेनी चाहिए। सीखना चाहते हो तो सीखो सृष्टि भी बिना कुछ बोले हमे बहुत कुछ सिखाती है। दुख केवल मानव को ही नहीं होता लेकिन हम अपने दुखो में इतना डूब जाते है की हमे कभी किसी और के दुख दिखते ही नहीं।

अब आप इस कविता का आनंद ले।

कैसे इन नन्हे कदमो को संभाले तू उड़ता जाता है??
अपने इस जीवन की नईया को चलाने में,
ठोकरे तो, तू भी खाता है.
तुझे यू उड़ता देख सबको बहुत मज़ा आता है।
पर तेरे संघर्षो को इस दुनियाँ में हर कोई समझ नहीं पाता है।

छोटे छोटे तिनके जोड़, तू अपना घर बनाता है।
किसी दूसरे को न देख, तू अपने तरीके से उसे सजाता है।
तेरे उन घोसलों को देख, बहुतो को गुस्सा आता है।
दूसरे के गुस्से की चपेट में, तेरा खुदका आशियाना टूट जाता है।
निकल पड़ता, फिर खुदसे, दूसरा घोसला मनाने।
अपने ऐसे व्यवहार से, दूसरे के जीवन में भी उम्मीद जगाने।

हर एक पशु में , ये कैसी सेहन शक्ति होती है।
अपने आँखों के सामने अपना आशियाना उजड़ता देख,
क्या हर चिड़ियाँ भी रोती है??
अपनी नहीं उसे तो बस अपने अंडो में छुपे,
बच्चो की फ़िक्र होती है।
इसलिए शायद कवियों की नज़रों में,
हर पक्षी की महानता बहुत ऊंची होती है।

धन्यवाद

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