जीएसटी काउंसिल की बैठक में स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (एजीएसटी) और यूनियन टेरेटरी जीएसटी बिल (यूटीजीएसटी) को मंजूरी दे दी गई. जीएसटी लागू करने की तरफ सरकार ने एक और बड़ा कदम उठा दिया है. साथ ही सिगरेट और लग्जरी प्रोडेक्ट में सेस लगाने पर भी आम सहमति बन गई है, जिस अधिकतम 15 फीसदी सेस लगाया जा सकता है.
जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा की अभी तक 5 ड्राफ्ट बिलों पर सहमति बन गई है. वैसे सरकार 1 जुलाई से जीएसटी बिल लागू करना चाहती है. पहले इसे कैबिनेट में पेश किया जाएगा फिर संसद में इसको पारित करेंगे.
जीएसटी की अगली बैठक 31 मार्च को होगी, जिसमें नई टैक्स नियम प्रणाली के नियम तय किए जाएंगे. साथ ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा की किस सामान और सर्विस पर कितना जीएसटी लगाया जाएगा, यह नियम लागू होने के बाद तय किया जाएगा. इससे पहले कंम्पशेसन बिल, आईजीएसटी ( इंटीग्रेटिड जीएसटी) और सीजीएसटी (सेंट्रल जीएसटी) को पहले ही मजूंरी मिल चुकी है.
इस बिल को पास कराने के लिए केंद्र की आगे की राह यह की स्टेट जीएसटी का जो ड्राफ्ट जीएसटी काउंसिल ने मंजूर किया है उसको सरकार को पहले राज्यों को अपने विधानसभाओं में पारित करना होगा, जिसके बाद इसको कैबिनेट में पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री ने साफ किया की अभी तक जिस तरह से काउंसिल की बैठक में सबके साथ सहमति के साथ फैसले हुए हैं, उसको देखते हुए लगता है कि हम जीएसटी को 1 जुलाई तक लागू करने में सफल रहेंगे.
गौरतलब है कि जीएसटी की चार दरों पर सहमति बन चुकी है. अभी किस सामान और सर्विस पर कितना जीएसटी लगेगा उस पर सहमति बाकी है, जेटली के अनुसार सरकार इस मामले पर राज्यों से बात कर चुकी है, और उम्मीद है की इस बारे में सहमति बनाने में परेशानी नहीं होगी. बिल लागू करने में परेशानी नहीं होने का कारण यह भी है की सरकार पहले ही राज्यों को जीएसटी लागू होने के बाद आमदनी में होने वाले नुकसान की सौ फीसदी भरपाई का वादा कर चुकी है