फिर भी

8 मार्च को प्रधानमंत्री से मिलेंगे चूरू के किसान

अखिल भारतीय किसान सभा जिला कमेटी की बैठक जिलाध्यक्ष इन्द्र सिंह पूनियां की अध्यक्षता में आयोजित हुई । जिला कमेटी के प्रभारी सागर खच्चरिया ने कहा कि सरकार ने किसानों के साथ 13 सितम्बर 2017 को समझौता कर पूरी तरह लागू नही कर किसानों के साथ वादा खिलाफी की है और सरकार किसानों के 22 फरवरी के कूच से पूरी तरह घबरा गई थी तभी किसान सभा के तमाम नेताओं को गिरफ्तार कर लिया और किसानों को पुलिस के बल पर गांव गांव में व सभी थानों ने रोक लिया था।

बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश महामंत्री छगनलाल चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 50 हजार कर्जमाफी करने, वर्धवस्था पेंसन 2000 रुपये करने सहित 11 सुत्री मांग पत्र का समझौता लागू करवाने, किसानों की सम्पूर्ण कर्जमाफी करवाने और किसानों के आंदोलन के खिलाफ 8 मार्च को प्रधानमंत्री के झुंझुनूं आगमन पर मुलाकात कर ज्ञापन देंगे। राज्य कमेटी सदस्य निर्मल कुमार ने कहा कि किसान आंदोलन के दमन के खिलाफ किसानों में आक्रोश बढ़ है।

और सरकारे मांग नहीं मानती तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा, चूरू जिले के किसानों को खरीफ़ 2016 व रबी 2016-17 के फसल बीमा कलेम को लेकर प्रधानमंत्री को ज्ञापन देकर मांग की जाएगी । बैठक में जिला उपाध्यक्ष दाताराम भाकर, दौलत राम सहारण, इंद्राज सिंह बाबल, हड़मान दुसाद, चिमनाराम पांडर, सोहन राम मेघवाल, मूलचंद गोदारा, लाला राम बिजारणियां, हरिराम टांडी, काशीराम सहारण, बेगराज राजपुरोहित, पूर्ण राम सरावग, तारामणि चौधरी, जयराम टांडी, रामनिवास हुड्डा, घनश्याम पारीक, रणजीत सिंह भामसी, हरलाल गोदारा, सीताराम टांडी, लिखमाराम ज्याणी, दीपाराम प्रजापत, रामकरण भामू आदि सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

बैठक में निर्णय लिया गया कि 8 मार्च को जिले के किसान प्रधानमंत्री को सीकर व झुंझुनूं के किसानों के साथ मिलकर ज्ञापन देंगे, 1 मई को कर्जमाफी, समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना, सरसों की खरीद करने आदि की मांग को लेकर प्रदेश की सभी कलेक्ट्रेट ठप और घेराव किया जाएगा। किसानों के आंदोलन पर दमन व जयपुर में किसानों को नहीं घुसने देने के विरोध में गांव गांव में सरकार के मंत्रियों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया। आगामी आंदोलन की रणनीति तय कर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार सौंपी गई।

[स्रोत- विनोद रुलानिया]

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