लता मंगेशकर जो भारत देश की “नाइटिंगेल ऑफ़ इंडिया और क्वीन ऑफ़ मेलोडी ” कही जाती थी, आज हमारे बीच नहीं रहीं.
लता दीदी का जन्म से नाम हेमा मंगेशकर था, (28 सितंबर 1929 – 6 फ़रवरी 2022) भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका थीं, जिनका छ: दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है. हालाँकि लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है.
९२ सालकी आयु तक वह तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 15 बंगाल फिल्म पत्रकार संघ पुरस्कार, चार फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व पुरस्कार, दो फिल्मफेयर विशेष पुरस्कार, फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार और कई अन्य प्राप्तकर्ता थीं.1974 में, वह लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल में प्रदर्शन करने वाली पहली भारतीय बनीं.
उनके चार भाई-बहन में मीना खादीकर, आशा भोंसले, उषा मंगेशकर और हृदयनाथ मंगेशकर – जिनमें से वह सबसे बड़ी थीं.
दीदी का आज 6 फरवरी, 2022 को निधन हो गया, COVID-19 के अनुबंध के बाद कई अंग विफलता से और ब्रीच कैंडी अस्पताल, मुंबई, भारत में 28 दिनों के उपचार से गुजर रहे थे.
पुरे भारत में आज शोक का माहौल है दीदी एक विशेषण बन गई, एक भावना जो भारतीय चेतना में इतनी गहराई से समा गई कि उनकी आवाज उत्कृष्टता और पवित्रता का मानदंड बन गई. आमतौर पर फिल्मी हस्तियों के प्रशंसक होते हैं, लता दीदी के भक्त होते हैं क्योंकि अगर राग वह कड़ी है जो मनुष्य को सर्वशक्तिमान से जोड़ती है, तो लता दीदी लगातार उस दिव्य सुर पर प्रहार करती है. गायन सनसनी जैसे क्षणिक वाक्यांश उसके लिए नहीं थे. वह हमेशा पुण्य की आवाज थीं.
दीदी को आईटीबीपी ने “ए मेरे वतन के लोगो” धुन से दिया श्रद्धांजलि.
भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी आज शाम शिवाजी पार्क में भी स्वयं दीदी को श्रद्धांजलि देने जायेंगे.