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वैवाहिक जीवन की नीवं होता है- विश्वास

viswash vaivahik jeevan ki neev hoti hai

भारतीय संस्कृति में विवाह एक पवित्र बंधन  माना जाता है। कहते हैं जोड़ियां ऊपर से बनकर आती है। विवाह के समय लिए गए सात वचनों पर पति-पत्नी कायम रहे तो जीवन किसी स्वर्ग से कम नहीं लगता।

विवाह चाहे किसी भी परिस्थिति में हुआ हो उसके लिए सबसे जरुरी होता है- “विश्वास”। विश्वास के बिना वैवाहिक जीवन का अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है। विश्वास पर ही इस रिश्ते की नीवं टिकी होती है, जिसके जरा भी डगमगाने पर रिश्ता रुपी दीवार को गिरने में जरा भी वक्त नहीं लगता।

पति पत्नी का रिश्ता कोई दो-चार साल का नहीं होता जीवन भर का रिश्ता होता है। जीवन में अनेक क्षण  ऐसे आते हैं जब सहनशीलता तथा समर्पण की आवश्यकता होती है। कठिनाइयां भी प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में अनेकों बार आती है परंतु रिश्ते में विश्वास और समर्पण की भावना है तो मिलकर उन कठिनाइयों से उभरने में जरा भी वक्त नहीं लगता।

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जब एक साथी दूसरे साथी की भावनाओं की कद्र नहीं करता तथा अपनी इच्छाओं को दूसरे साथी पर थोपने की कोशिश करता है तो वहां रिश्ते में तनाव उत्पन्न होने लगता है। पति या पत्नी प्रत्येक को अपनी जिंदगी को स्वतंत्रता से जीने का हक है ऐसे में एक साथी दूसरे साथी की भावनाओं का सम्मान नहीं करेगा तो रिश्ते में कभी मजबूती नहीं आ पाएगी।

रिश्ते में विश्वास बनाए रखने के लिए एक दूसरे के बीच सच्चाई बहुत जरूरी है। पति-पत्नी दोनों ही एक-दूसरे को इस तरह का माहौल प्रदान करें कि कोई भी किसी तरह की बात कहने में हिचकिचाए नहीं और किसी बात को छुपाये नहीं। एक साथी द्वारा बातें तब छुपाई जाती हैं जब दूसरा उन्हें समझने की कोशिश नहीं करता किसी के भी मन में यह बात ना आने दें कि “इस बात को उससे कहने से क्या फायदा वह समझेगा/ समझेगी नहीं”। ऐसी स्थिति में धीरे-धीरे रिश्ते में दूरियां बढ़ने लगती है और विश्वास भी खत्म हो जाता है।

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मनमुटाव, नोक-झोक प्रत्येक पति पत्नी में होती है लेकिन उस नोकझोंक को ज्यादा न बढ़ने दें तथा बैठ कर सुलझाने की कोशिश करें। पति पत्नी में विश्वास से ही पैदा होता है- सम्मान। यह रिश्ता बराबरी का होता है इसमें ना कोई छोटा होता है ना बड़ा किसी भी नोकझोंक में कभी भी अहमं की भावना को ना आने दे तथा कभी एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए ऐसे शब्दों का उपयोग न कर दें कि दूसरे का दिल आहत हो जाए।

मनमुटाव के बीच हमेशा शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखें। अपशब्दों या कटुशब्दों का प्रयोग एक साथी के मन में हीन भावना पैदा कर सकता है। कभी-कभी दूसरे साथी को खुशी देने के लिए ऐसे काम भी करने पड़ते हैं जो आपको पसंद नहीं है। जिंदगी बहुत छोटी है दोस्तों- इसे प्यार और विश्वास के साथ बिताएं।

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