फिर भी

सुखी जीवन का मूल मंत्र

काबू में रखें – प्रार्थना के वक्त दिल को, खाना खाते समय पेट को, किसी के घर जाएं तो
आंखों को, महफिल में जुबान को, पराया धन देख लालच को.Khushhaal jivan

भूल जाएं – अपनी नेकियों को, दूसरों की गलतियों को, अतीत के कड़वे संस्मरणों को.

छोड़ दें – दूसरों को नीचा दिखाना, दूसरों की सफलता से जलना, दूसरों के धन की चाह
रखना, दूसरों की चुगली करना, दूसरों की सफलता पर दुःखी होना.

यदि आपके फ्रिज में खाना है, बदन पर कपड़े हैं, घर के ऊपर छत है और सोने के लिये जगह है तो दुनिया के 75 प्रतिशत लोगों से ज्यादा धनी हैं ।

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यदि आपके पर्स में पैसे हैं और आप खुद बदलाव के लिये कहीं भी जा सकते हैं जहां आप जाना चाहते हैं तो आप दुनिया के 18 प्रतिशत धनी लोगों में शामिल हैं ।

यदि आप आज पूर्णतः स्वस्थ होकर जीवित हैं तो आप उन लाखों लोगों की तुलना में खुशनवीब हैं जो इस सप्ताह जी भी नहीं पायें ।

जीवन के मायने दुःखों की शिकायत करने में नहीं हैं, बल्कि हमारे निर्माता को धन्यवाद करने के अन्य हजारों कारणों में है।

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