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रामसेतु की आलोचना करने वालों को करारा जवाब, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने बताया मानव निर्मित

आस्थाओं को लेकर रामसेतु पहले से ही चर्चा का विषय रहा है. अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा रामसेतु को मानव निर्मित घोषित किए जाने से एक बार फिर से रामसेतु हर किसी की जुबान पर छा रहा है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि भारत और श्रीलंका के बीच 83 किलोमीटर लंबे गहरे इस जल में जूना पत्थरों की चट्टानों का नेटवर्क मानव निर्मित है यह प्राकृतिक नहीं है बल्कि इसके नीचे की चट्टान की परत प्राकृतिक है. Ramsetuअमेरिकी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि भारत श्रीलंका के बीच राम सेतु इंसानों द्वारा बनाया गया है आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2004 से 2006 के बीच यूपीए की सरकार राम सेतु को तोड़ना चाहती थी और उस स्थान पर एक प्रोजेक्ट बनाना चाहती थी. साथ ही यूपीए सरकार का कहना था कि रामसेतु कोई पूजनीय स्थल है इसका कोई सबूत नहीं है मगर देश के द्वारा की गई कड़ी आलोचना के बाद सरकार ने अपना हलफनामा वापस ले लिया.

हालही में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने 11 दिसंबर को ट्विटर हैंडल से यह जानकारी शेयर करते हुए कहा कि भारत के रामेश्वरम के करीब स्थित द्वीप पमबन और श्रीलंका के द्वीप मन्नार के बीच 50 किलोमीटर लंबा अद्भुत पुल मानव द्वारा निर्मित है इस पर जो पत्थर हैं वह कहीं और से लाए गए हैं.

भाजपा नेता रविशंकर ने भी रामसेतु को लेकर बड़ा बयान दिया उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासतों में से रामसेतु एक है और इन विरासतों के साथ किसी भी प्रकार की छेड़खानी सहन नहीं की जाएगी.

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