फिर भी

UP में अखिलेश को चाहिए ‘बुआ’ का साथ

Akhilesh should join 'BUA' in UP 2017

यूपी के चुनावी रण में सभी पार्टियों ने अपनी ताकत झोंक दी… पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, बीएसपी प्रमुख मायावती ने अपनी-अपनी पार्टियों की जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया, लेकिन अब जब एग्जिट पोल के नतीजे आए तब नेताओं के सुर बदले नजर आए क्योंकि पोल के अनुसार यूपी में बीजेपी सबसे बड़ी सरकार के रुप में उभर रही है. भले पोल सौ प्रतिशत सही नहीं होते लेकिन रुझाने के आंकड़े जरूर बताते हैं.

सवाल यह की एग्जिट पोल के नतीजों के बाद 11 मार्च से पहले ही समाजवादी पार्टी ने मान ली अपनी हार ?

ये सवाल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के एक बयान को लेकर खड़ा हुआ है. जिसमें उन्होंने सियासी तौर से धुर विरोधी मायावती से हाथ मिलाने का संकेत दिया है, अखिलेश समेत कई दिग्गजों के ऐसे बयान सामने आए. जिसने बीजेपी को समाजवादी पार्टी पर वार करने का बैठे-बिठाए मौका दे दिया।

यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार यही दावा करते रहे कि चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन की जीत होगी. लेकिन नतीजे आने से ठीक पहले उन्होंने ऐसा चौंकाने वाला बयान दिया. जिसको लेकर जीत के उनके दावे पर सवाल खड़े हो गए। बीबीसी हिंदी को दिए इंटरव्यू में अखिलेश ने जरुरत पड़ने पर कट्टर सियासी दुश्मन बीएसपी से हाथ मिलाने तक का जिक्र किया।

अखिलेश के इस बयान से सियासी सरगर्मी तेज हो गई, हालांकि उनके साथ ही समाजवादी पार्टी के दूसरे नेता सरकार बनाने का दावा भी कर रहे हैं. लेकिन ये संदेश भी दे रहे हैं कि बीजेपी को रोकने के लिए सियासी दुश्मनी को दरकिनार किया जा सकता है। कांग्रेस के नेता भी समाजवादी पार्टी के सुर में सुर मिलाते नजर आ रहे।

यही नहीं समाजवादी पार्टी की तरफ से एक के बाद एक ऐसे बयान सामने आए, जिसने बीजेपी को उसे घेरने का मौका दे दिया, रविदास मेहरोत्रा ने कांग्रेस से गठबंधन करने का नुकसान होने की बात कही तो आजम खान भी नुकसान का जिक्र करते नजर आए।

अखिलेश के साथ तमाम नेताओं के बयान ने बीजेपी को सीधे-सीधे ये कहने का मौका दे दिया कि नतीजे आने से पहले ही समाजवादी पार्टी ने हथियार डाल दिया।

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