फिर भी

बुजुर्गों के लिए आधार कार्ड बना सबसे बड़ी परेशानी

भारत सरकार द्वारा आधार कार्ड को एक करप्शन मुक्त भारत और ठगी को रोकने के लिए तथा साथ ही व्यक्ति की पहचान के लिए बनाया गया था मगर बुढ़ापे में आधार कार्ड बुजुर्गों के लिए सबसे बड़ी परेशानी का सबब बनता जा रहा है क्योंकि अगर बात करें बरेली की एक खबर की तो यहां वृद्ध आश्रमों में लोगों की जिंदगी काफी कठिनाई भरी होती जा रही है.Aadhar Cardबुढ़ापे के कारण बुजुर्गों की उंगलियों के निशान कमजोर पड़ते जा रहे हैं और इन्हीं निशानों के साथ-साथ बुजुर्गों की जिंदगी भी कमजोर पड़ती जा रही है क्योंकि फिंगरप्रिंट मशीन में उंगलियों के निशान सही से स्कैन नहीं हो पा रहे हैं जिस कारण बुजुर्गों को अन्य सुविधाओं के साथ साथ पेंशन लेने जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है.

बढ़ती उम्र के साथ-साथ उंगलियों के निशान पड़ रहे हैं कमजोर

हाल ही मे उत्तर प्रदेश के बरेली में एक वाक्या सामने आया है जिसमें एक बात आश्रम में जिंदगी बसर करने वाली वीरवती का कहना है कि उनके पास आधार कार्ड ना होने के कारण वह किसी भी सुविधा का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं उन्हें आस रहती है कि कोई आए और कुछ भी आकर मदद कर जाए. वीरगति के पास जरूरी कागजात ना होने के कारण भी आधार कार्ड बनने में काफी दिक्कतें आ रही है हालांकि अगर वीरवती आधार करवाने बनवाने जाती भी हैं तो बुढ़ापे में आधार की फिंगरप्रिंट मशीनें उन की उंगलियों के निशान नहीं पकड़ पा रही है ऐसे में वीरगति के सामने काफी मुश्किलें खड़ी हो गई है.

केवल वीरवती ही नहीं अन्य लोग भी है परेशान

बरेली की सामाजिक कल्याण अधिकारी अशोक दीक्षित की माने तो इलाके में कई ऐसे लोग हैं जिनके पास अपना कोई आधार कार्ड नहीं है. अगर वह व्यक्ति पेंशन के लिए अप्लाई करता है तो उसे आधार कार्ड मांगा जाता है और यह तो हम सभी जानते हैं कि आज के समय में सभी सरकारी सुविधाओं से आधार कार्ड जोड़ दिया गया है ऐसे में यह लोग कोई भी सरकारी सुविधा का लाभ उठाने में असमर्थ होते जा रहे हैं. ना केवल पेंशन बल्कि आवास की सुविधा व मुफ्त भोजन जैसी सुविधा का भी आधार कार्ड में होने पर ऐसे लोग लाभ नहीं ले पा रहे हैं.

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