इस समय सबकी जुबान पर ही नहीं नज़रों में भी मंतशा सेठ छाई हुई है। क्या वो कोई प्रसिद्ध शख्सियत है या कोई बड़ा कारनामा अंजाम दिया है इस कन्या ने। नहीं, ऐसा कुछ नहीं है, लेकिन एक सेलफ़ी खींच कर यह कन्या विश्व प्रसिद्ध होने की कोशिश कर रही है।
भरूच के दिल्ली पब्लिक स्कूल के कक्षा 10 की छात्रा मंतशा भरूच की रहने वाली है। मंतशा ने आगे बताया की वो काफी समय से राहुल गांधी के व्यक्तित्व से प्रभावित थी और वो जिस तरह से स्पीच देते हैं, बात करते हैं, उससे उनके पूर्ण आत्मविश्वासी व्यक्ति होने का पता लगता है। उनके व्यक्तित्व से प्रभावित मंतशा व्यक्तिगत रूप से मिलने की इच्छा भी काफी समय से रखती थी।
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जब मंतशा को राहुल गांधी के भरूच पहुँचने की खबर मिली और अपने सपने को पूरा करने के लिए उसने अपने पिता इब्रहीम शेख से एक दिन के लिए क्लास में न जाने की इजाजत मांग ली।
जब राहुल गांधी भरूच पहुंचे और वहाँ रोड शो करी तो मंतशा रेलवे स्टेशन से काफिले का पीछा करते हुए उनके शीतल गेस्ट हाउस तक पहुँच गयी। अनेक प्रयत्नों के बाद वो राहुल गांधी के नजदीक पहुँचने में भी सफल हो गयी। राहुल गांधी ने मंतशा की ओर देखा तो उन्हें लगा की शायद वो उनसे कुछ कहना चाहती हैं। राहुल गांधी ने जब मंतशा से इस बारे में पूछा तो उसने राहुल गांधी के साथ एक सेलफ़ी खींचने की बात कही।
अपने स्कूल में हमेशा टॉप करने वाली मंतशा के परिवार में उनके पिता भरूच रेलवे स्टेशन के पास एक दुकान पर टेलिकॉम कंपनी के प्रोदुक्ट्स बेचते हैं। उनके मंतशा के अलावा एक बेटा भी है । मंतशा स्वयं एक पाइलट बनाना चाहती है। मंतशा ने कहा की आज उन्होनें अपने नाम को सार्थक कर दिया क्यूंकी अरबी में मंतशा का अर्थ ‘हर इच्छा पूरी करना ’होता है।
ट्विटर संसार में इस सेलफ़ी घटना से बहुत हलचल मची है। एक ट्वीट में इस घटना पर चुटकी लेते हुए इसे कांग्रेस के खिलाफ साजिश भी करार दे दिया।