हरमनप्रीत की तूफानी पारी के मदद से खड़े किये गए विशाल स्कोर का पीछा करते करते मेज़बान टीम के पसीने छूट गए और ऑस्ट्रेलियन टीम ओवर रन ही बना पायी. भारत की तरह ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत भी बहुत बेकार रही.
निकोल बोल्टन और बेथ मुने टीम की और से ओपनिंग करने आयी. महज 4 रन पर ही ऑस्ट्रेलिया ने अपना पहला विकेट बेथ मुने के रूप में खो दिया. मुने पांच गेंदों का सामना कर 1 ही रन बना सकी. निकोल बोल्टन का साथ देने पहुंची मेग लैनिंग भी बिना खता खोले ही पवेलियन लौट गयी.
ऑस्ट्रेलिया की और से सर्वाधिक रन अलेक्स ब्लैकवेल ने बनाये. अलेक्स ब्लैकवेल ने 56 गेंदों का सामना कर 10 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 90 रनों की शानदार पारी खेली. वही विल्लानी ने भी 58 गेंदों का सामना कर 13 चौक्को की मदद से 75 रनों का योगदान दिया
मगर हरमनप्रीत की तूफानी पारी का दबाब मेजबान टीम पर इतना बढ़ गया था कि लक्ष्य को पाने कि जल्दी में कोई न कोई गलती कर मेज़बान टीम के सभी महारथी ध्वंस्त हो गए और भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 36 रनों ने हरा खुद को फाइनल में ले जाकर खड़ा कर दिया.
भारत की ओर से सर्वाधिक विकेट दीप्ति शर्मा ने लिए, शर्मा ने 7.1 ओवर में 59 रन देकर 3 विकेट चटकाए.