फिर भी

साहित्यकार मनसुख रणवा मनु की 52 वीं जयंती सर्व समाज द्वारा बनायी गयी

01 जनवरी 2018 को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीकर सासंद शुभेदानंद सरस्वती रहे अति विशिष्ट अतिथिलेखक करतार योगी को मनसुख रणवा मनु साहित्यकार पुरूस्कार (5100 रू नगद, स्मृति चिन्ह, शॉल व पौधा भेंट किया गया) से नवाजा गया.

मनु की स्मृति में ग्रामीण पी. जी कॉलेज की लाइब्रेरी में पुस्तकें भेंट की गयी.

सँयुक्त राष्ट्रसंघ स्वयंसेवक व नेहरु युवा केंद्र जिला युवासमन्वयक तरुण जोशी ने साहित्य के बारे में बताया जिसमे उपस्थित रहे पिपराली ब्लॉक के नेहरू युवा केंद्र के राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक मुकेश कुमार सैनी आदि मनु की स्मृति में 1 जनवरी 2014 से लगातार हर महीने की पहली तारीख को बेटी को जन्म देने वाली माताओ का सम्मान किया जाता है.

मनसुख रणवां ‘मनु’ जयन्ती (52वी) विशेष.

1 जनवरी का दिन हर्ष का दिन भी है और शोक का भी. खुशी इस बात की है कि आज ही के दिन नववर्ष को तेज धार की लेखनी के धनी,, महान साहित्यकार,, प्रखर वक्ता,, समाज सुधारक मनु साहब का जन्म हुआ. और गम इस बात का है कि वो आज हमारे साथ विचारों से तो है लेकिन शरीर नहीं है. वैसे मनु साहब किसी परिचय के मोहताज नही है. लेकिन फिर भी मेरे नये युवा साथियों एवं समाज सुधार के कार्यों में नये जुङने वाले प्रबुद्ध जनों से निवेदन है कि जीवन में जब भी मौका मिले तब मनु साहब जैसे लेखकों को अवश्य पढने की कोशिश करियेगा.

भगवान ने उम्र भले ही कम दी हो उन्हें लेकिन उनके योगदान को सर्व समाज हमेशा याद रखेगा. वो युवाओं से हर फील्ड में हमेशा आगे रहने की अपील करते थे. हर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखते थे. अपने जीवन के अल्प काल में करीब 40 किताबें लिख चुके थे, और कहीं छपने से बाकी रह गयी थी जो अब धीरे-धीरे प्रकाशित हो रही है उनकी कुछ अति प्रसिद्ध किताबों में मुख्य है –

1.क्षत्रिय शिरोमणी वीर तेजाजी
2.अमर शहीद लोठू जाट
3.मरुमाणक कुम्भाराम आर्य
4.महावीर चक्र विजेता दिगेन्द्र सिंह
5.नूर ए हिन्द किसान मसीहा चौधरी चरणसिंह
6.’उफान’ काव्य संग्रह और भी अनेक है जिस किसी को भी चाहिये, आप ये किताबे उचित मूल्य पर सोशल मीडिया या अन्य तरीके (9413134209)से भी मंगवा सकते हो.

हमें गर्व है कि इनकी विरासत को इनके जाने के बाद भी जिन्दा रखा गया और हर रोज नई बुलन्दियों पर भी ले जाने की कोशिश भी की जा रही है. यह श्रेय जाता है इनकी धर्म पत्नी श्रीमती दुर्गा देवी जी को और इनकी पुत्री को, जो मनसुख रणवां सेवा संस्थान से जुङे लोगो के सहयोग से सीकर में नित नये नवाचारों को बढावा दे रही है.

1.गरीब बालिकओं को फ्री एज्युकेशन देनी हो.
2.बेटी बचाओ बेटी पढाओं अभियान को पुरे देश में नेत्रत्व देना हो.
3.झुग्गी झोंपङिओं में रहने वाले लोगों और उनके बच्चों को मुख्य धारा में लाने का कार्य हो.
4.स्वच्छ सीकर अभियान हो.
5.योग के माध्यम से स्वास्थ्य क्रान्ति लानी हो.
6.प्रतियोगी बच्चों के लिये लाईब्रेरी में पुस्तकों की व्यवस्था करनी हो.
7.साहित्यकारों का सम्मान करना हो.
8.लोठू जाट और स्वामी केशवानन्द जैसी महान्वि भुतिओं की मुर्ति स्थापना करवानी हो. ना जाने ऍसे सौंकङों काम है जिनकी चर्चा मैं यहां भूलवश नहीं कर पा रहा हूं लेकिन सीकर के समाचार पत्र पत्रिकाऍ रोज करते रहते है.

आप सबका बहुत धन्यवाद जो प्रत्यक्ष एवम् परोक्ष रुप से इस सेवा संस्थान का सहयोग करते रहते है और आगे भी करते रहेंगें. ताकि मानवता की मिशाल को जिन्दा रखा जा सकें. विशेष आभार राजस्थान पत्रिका का और फेसबुक के सभी मित्रो का जो हर समय इन टुटे अरमानों को हौसले रुपी पंखों की उङान के लिये प्रेरित करते रहते है मनुजी की दिव्य आत्मा को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाऍ एवम् कोटिशः नमन् ||

[स्रोत- धर्मी चन्द जाट]

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