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क्या अंतर है अमरनाथ यात्रा 2000 और 2017 के अनंतनाग आतंकी हमले में 

भगवन भोले नाथ के भक्त उनके दर्शन करने के लिए अपने-अपने घरो से हजारों मील दूर अमरनाथ की यात्रा करके आशीर्वाद लेने आते है किन्तु आतंक इतना बेरहम है भोले नाथ के उन्ही भक्तो पर हमला करके उन्हें मौत की नींद सुला देना चाहता है परन्तु ऐसा क्यों कर रहे है ये आतंकी संगठन क्या इन्हे अपने भगवन, अल्लाह, ईश्वर से डर नहीं लगता या ये भूल जाते है की हम भी एक उस भगवन के बनाये हुए पियादे है जिन्हे हम मारने जा रहे है.


आज इस पोस्ट के जरिये हम आपको बताने जा रहे है 2000 और 2017 के अमरनाथ यात्रा पर होने वाले आतंकी हमले के बारे में-

2000 अमरनाथ यात्रा आतंकी हमला 

आज से ठीक 17 साल पहले भी आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर अनंतनाग जिले की धरती को अमरनाथ यात्रियों के खून से लहूलुहान की थी ये बात है 1 अगस्त सन 2000 की अनंतनाग जिले में ये हमला हुआ ये हमला पहलगाम में हुआ था जो अनंतनाग जिले में आता है इस आतंकी हमले में 30 लोग मरे गए थे.

अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालु वापस लोट रहे थे तभी इस्लामी आतंकवादीयों उन पर आक्रमण कर दिया था इस घटना के दौरान भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे उन्होंने तुरंत पहलगाम का दौरा किया और हत्याओं के लिए लश्कर-ए-तैयबा को दोषी ठहराया.

एक बार फिर 17 साल बाद अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमला  

बीते सोमवार को एक बार फिर से अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला हुआ, यह बात 10 जुलाई 2017 की है. ये हमला भी जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में हुआ इस हमले के पीछे भी इस्लामिक आतंकी लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है इस घटना में 7 श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई जबकि 32 लोग बुरी तरह घायल हो गए थे.

2017 के आतंकी हमले की घटना का समय और अंजाम 

10 जुलाई को रात में 8 बजकर 15 मिनट पर लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों ने पहले तो अर्ध सैनिक बल की छावनी पर आक्रमण किया उसके बाद 8 बजकर 20 मिनट पर खानाबल के पास यात्रियों से भरी बस पर अंधाधुन्द गोलियां बरसाई.

बताया जा रहा है ये बस गुजरात के बनासकांठा जिला की थी एक और खबर मिली है की इस बस का अमरनाथ श्राईन बॉर्ड में पंजीकरण नहीं हुआ, जिसके कारण बस को कड़ी सुरक्षा से बंचित रहना पड़ा, यात्री अपनी अमरनाथ की यात्रा पूरी करने के बाद वापस लोट रहे थे बस के उपर आतंकीओं के द्वारा गोलीयों की बौछार बरसाई गई जिस कारण सात यात्रीओं की मौत हुई और 32 गंभीर रुप से घायल हुये.

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जिस बस पर आतंकियों ने हमला किया था उस बस में 56 यात्री सवार थे खबर के मुताबिक गुजरात, दमन और दीव और महाराष्ट्र के यात्री सवार थे मारने वाले 7 यात्रियों में 5 महिला शामिल थी और 5 मारने वाले गुजरात राज्य के रहने वाले थे और दो महाराष्ट्र के रहने वाले थे.

हमले के बाद PM मोदी ने की कड़ी निंदा

इस हमले के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी है उन्होंने ने यात्रियों पर हमले की कड़ी निंदा साथ ही ये भी कहा “भारत ऐसे कायरतापूर्ण हमलों और घृणा के नापाक मंसूबों के आगे झुकने वाला नहीं है” उनके साथ जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ़्ती ने हमले की निंदा की.

मृतकों के परिवार वालो को 6-6 लाख का मुआवज़ा 

जम्मू-कश्मीर सरकार ने मृतकों के परिवार को 6-6 लाख की राशि दी साथ ही श्री अमरनाथजी श्राईन बॉर्ड ने भी 5 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की जबकि जो लोग हमले में घायल हुए उन्हें जम्मू-कश्मीर सरकार ने गंभीर रूप से घायल यात्रीयों को 2-2 लाख रुपए देने की घोषणा की.

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