हमारी पृथ्वी का 75 फ़ीसदी हिस्सा पानी से घिरा हुआ है फिर भी पानी के लिए हर जगह मारामारी हो रही है, जानते हैं क्यों..? क्योंकि पृथ्वी पर उपस्थित 75 फीसदी पानी में केवल 3 फीसदी पानी ही पीने योग्य है। 97 प्रतिशत पानी समुद्र के रूप में प्रथ्वी पर उपस्थिति है जो कि अत्यंत खारा होने के कारण पीने योग्य नहीं है।
घर में उपयोग किए जाने वाले भूमिगत जल जिसमें नलकूप, समर सिविल या ट्यूबल के रूप में पानी घरों के अंदर पहुंचता है, जिसका टीडीएस लेवल बढ़ने के कारण पीने योग्य नहीं है। इसीलिए अधिकांश लोग शुद्ध पानी की तलाश में घरों में वाटर प्यूरीफायर (R.O) लगवा रहे हैं। परंतु R.O पानी को शुद्ध तो करता है साथ ही मानव शरीर के लिए उपयोगी पोषक तत्वों को भी समाप्त कर देता है और वही पानी पीने पर हमारे शरीर पर अनुकूल प्रभाव डालता है।
R.O वाटर के संबंध में डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट-:
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि R.O का पानी सुरक्षित नहीं है, साथ ही बोतलबंद पानी में भी हानिकारक तत्व पाए गए हैं। R.O वाटर तथा बोतलबंद पानी शरीर में कई प्रकार के रोग उत्पन्न करता है। जैसे- मांसपेशियों में ऐंठन, मानसिक व शारीरिक थकान, हृदय संबंधी रोग, हड्डियों का कमजोर होना तथा सिर दर्द आदि।
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कैल्शियम व मैग्नीशियम मानव शरीर की मांसपेशियों के विकास तथा हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के लिए आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो पानी में पाए जाते हैं जिन्हें R.O में लगा TDS नष्ट कर देता है। जो शरीर का विकास करने की वजाय अवरोध उत्पन्न करते हैं। R.O फिल्टर प्लास्टिक का बना होता है। पानी के तेज प्रेशर से पानी में भी प्लास्टिक का कुछ अंश चला जाता है जो शरीर में पहुंचकर कैंसर जैसी बीमारी होने की संभावना पैदा करता है। इन्हीं दुष्परिणाम को देखते हुए यूरोप तथा एशिया के कई देशों द्वारा R.O पानी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है।
प्राकृतिक रुप से पानी को करें शुद्ध-:
भेड़चाल में और लोगों की तरह R.O लगवाने से ज्यादा अच्छा है पानी को प्राकृतिक रुप से शुद्ध किया जाए। R.O के पानी का स्वाद भी पहले जैसा नहीं होता जब उस पानी में से आवश्यक मिनरल्स नष्ट हो जाते हैं तो R.O के पानी से प्यास भी नहीं बुझती और गला हर समय सूखा लगता है। जबकि प्राकृतिक रूप में पानी बहुत ही स्वादिष्ट होता है एक रिपोर्ट के अनुसार मानव शरीर 500 तक TDS आसानी से सहन कर सकता है, उससे ज्यादा TDS होने पर पानी को क्लोरीन से शुद्ध किया जा सकता है। 20 लीटर पानी को शुद्ध करने के लिए मात्र एक या दो रुपए का खर्च आता है।
नोट-:
T.D.S को Total Dissolved solid कहा जाता है अर्थात जल में उपस्थित कणों की संख्या को T.D.S कहा जाता है।