जिस तेजी से शहरों में सभी प्रकार के वाहनों जैसे चार पहिया, तीन पहिया व दुपहिया वाहनो कि संख्या बढ़ रही है उसके मुताबिक ना तो सड़कों की चौड़ाई बढ़ रही है और ना ही अतिक्रमण हट रहा है । सबसे ज्यादा समस्या शहर के व्यस्त बाजारों की है, इन भीड़ भाड़ वाले बाजारों में ट्रैफिक जाम होना एक महामारी है, तंग बाजार और व्यापारियों द्वारा अपने निजी वाहन के साथ साथ दुकानों व शो रूम का सामान सड़कों पर डिस्प्ले करना ट्रैफिक जाम की समस्या को जबरदस्त बढ़ावा दे रहा है । ट्रैफिक जाम से आम नागरिकों को भारी परेशानी व दुर्घटनाओं के साथ मानसिक यातना भी झेलना पड़ती है।
अतः समस्या से निपटने के लिए ट्रैफिक पुलिस , निगम प्रशासन के साथ साथ हम सब आम नागरिकों को भी कुछ प्रयास करना होगा । जैसे शहर के व्यापारियों व ऐसे संस्थान मालिक कर्मचारियों को जिनके भवनों में पार्किंग व्यवस्था नहीं है उन्हें अपने वाहन कार्य स्थल के आसपास प्रशासन द्वारा नियत पार्किंग स्थल पर रखना चाहिए व कुछ दुरी पैदल भी चलना पडे तो अपने शहर के प्रति जिम्मेदारी समझ कर जागरूकता के साथ मिलकर सहयोग करना चाहिए ।
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आम नागरिकों को पर्यावरण के प्रति भी सप्ताह में कम से कम एक दिन पेट्रोल वाहन के बजाए साइकिल या पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करना चाहिए जिससे प्रदुषण भी कम होगा, खर्च में कटौती होगी व सेहत भी तन्दुरस्त रहेगी । ट्रैफिक पुलिस निगम प्रशासन को चाहिए कि संकरे व भीड़ भाड़ वाले व्यस्त क्षेत्रों में भारी वाहनों पर सख्ती से प्रतिबंध लगाए साथ ही व्यापारियों द्वारा किया गया अतिक्रमण हटाये।
शहर के किसी अच्छे क्षेत्र को ऐसा मॉडल एरिया बनाये जहां सिर्फ पैदल ही चलना हो, वाॅकिग स्ट्रीट के नाम से जाना जाए
। जय हिन्द । जय भारत ।