फिर भी

क्या आपको भी लगता है कि WhatsApp पर आपकी चैट कोई और नहीं पढ़ रहा

एक दूसरे की खामियां निकालना कोई गलत बात नहीं है क्योंकि उन्हीं खामियों पर काम करके एक सही चीज सामने आती है. यूं तो WhatsApp ने एंड टू एंड एंक्रिप्शन के लाखों दावे किए हैं मगर एक बार फिर WhatsApp अपने ही किए गए वादों को लेकर सख्ते में आ गई है क्योंकि जर्मन के एक क्रिप्टोग्राफी की टीम के अनुसार WhatsApp के प्राइवेट ग्रुप चैट में दखलअंदाजी करना बहुत आसान है, और इस इस कार्य में एडमिन की परमिशन की भी कोई जरूरत नहीं है.Whatsapp Privacyजी हां, WhatsApp के एंड टू एंड एंक्रिप्शन के किए गए दावों को झुठलाते हुए स्विट्जरलैंड के म्यूनिख में आयोजित ‘रियल वर्ल्ड क्रिप्टो सिक्योरिटी कांफ्रेंस’ के दौरान रूर यूनिवर्सिटी के क्रिप्टोग्राफरो ने WhatsApp प्राइवेट चैट में आसानी से की जाने वाली दखलअंदाजी का दावा ठोंका है.

क्रिप्टोग्राफी टीम की रिपोर्ट के अनुसार, ‘कोई भी वह व्यक्ति जो आपका सर्वर कंट्रोल देखता है वह किसी ग्रुप के एडमिन की परमिशन के बगैर ही प्राइवेट ग्रुप चैट में किसी को भी जोड़ सकता है.’ इस बात को लेकर जर्मनी स्थित रोड़ यूनिवर्सिटी क्रिप्टोग्राफी पोल रोजर का कहना है कि ‘अगर कोई बाहरी व्यक्ति ग्रुप चैट को देखना और पढ़ना शुरू कर देता है तो यहां पर उस ग्रुप की प्राइवेसी ब्रेक हो जाती है.’

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सिर्फ एडमिन ही नए मेंबर को ग्रुप में जोड़ने का अधिकार रखता है लेकिन WhatsApp के पास कोई भी ऐसी तकनीक नहीं है जिससे इसकी इंवेस्टिगेशन की जा सके. इसलिए सर्वर चाहे तो बिना एडमिन से पूछे किसी अन्य आदमी को आसानी से ग्रुप में जोड़ सकता है और एक बार ग्रुप से जुड़ने के बाद वह आसानी से ग्रुप के सभी मेंबरों की डिटेल्स जान सकता है और उस ग्रुप में क्या चल रहा है उसे यह भी आसानी से पता चल जाता है क्योंकि ग्रुप में जुड़ने के बाद तो सारी खबरें आपके पास होती हैं.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि WhatsApp 50 अलग-अलग भाषाओं में सेवाएं प्रदान करता है और फिलहाल WhatsApp के पास सवा अरब से ज्यादा यूजर हैं और इन 50 भाषाओं में से 10 भाषाएं भारतीय शामिल है. साथी बताते चलें कि Facebook के स्वामित्व वाले चैटिंग WhatsApp ने 2 साल पहले ही एंड टू एंड एंक्रिप्शन शुरू किया जिस पर रूर यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने यह दावा ठोका है कि सरवर को कंट्रोल करने होने पर किसी भी मैसेज को कंट्रोल करना काफी आसान है और ग्रुप मैसेज को अपने कब्जे में लेकर यह तय किया जा सकता है कि किसी को क्या भेजना है.

हालांकि WhatsApp ने भी इस मुद्दे को काफी गंभीरता से लिया और जवाब में कहा है कि WhatsApp पर बिना किसी की बिना एडमिन की इजाजत के किसी भी मेंबर को ऐड करना संभव नहीं है.

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