बच्चे हो या बड़े हम सभी को स्मार्टफोन और एप्स की दुनिया मे हो रही हलचल को जानने का शौक हमेशा रहता है. हम जानने की कोशिश करते है कि कौन से ऐप ने इस संसार मे कदम रखा है. साथ ही हम उत्सुक भी रहते है कि इस ऐप के कदम कब हमारे स्मार्टफोन पर पड़े और हम उन्हे इस्तेमाल कर सकें. हाल ही मे एक ऐसे एप ने विज्ञान की दुनिया मे फिर से कदम रखा है जिसका नाम है “ब्लू व्हेल”. इस एप के आते ही लोग इसे खेलने को उत्सुक है और उस खेल की कीमत सभी को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है.
दरअसल, मोबाइल फ़ोन और लैपटॉप के जरिए खेले जाने वाले इस खेल में 50 दिन तक अलग-अलग टास्क मिलते हैं. रोज टास्क पूरा होने के बाद अपने हाथ पर निशान बनाना पड़ता है जो 50 दिन में पूरा होकर व्हेल का आकार बन जाता है और टास्क पूरा करने वाले को खुदकुशी करनी पड़ती है. इस एप द्वारा एक ऐसा ही हादसा मुबई के अंधेरी मे हुआ है जहाँ 14 साल के बच्चे ने अपनी छत से छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली.
इतिहास
खूनी ब्लू व्हेल खेल की शुरुआत रूस से हुई है. साल 2013 मे फिलिप बुडेकिन ने इस गेम का आविष्कार किया. लेकिन गेम से हो रही आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के बीच उसे गिरफ्तार किया गया और बाद में फिलिप को जेल की सजा हो गई. बताया जा रहा है कि ये खूनी खेल अभी तक दुनिया भर में 250 से ज्यादा लोगो कि जान ले चूका है.